श्री दुर्गा अर्चनांजलि
यह अनुपम आध्यात्मिक कृति है।
- देवकी नन्दन ‘शान्त‘
यह एक ऐसा आध्यात्मिक भजन संग्रह है जो एक साहित्य-साधिका ने, भक्ति भाव में डूब कर, दुर्गासप्तशती से प्रेरित होकर, माँ के विशेष भक्तों को दृष्टि में रखकर, श्री दुर्गा जी को समर्पित किया है।
डाॅ० कैलाश निगम का नाम साहित्य के क्षेत्र में किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि डाॅ० साहब ने ये सोचकर कि मैं श्री सुन्दर काण्ड का संगीतमय पाठ विगत 24 वर्षो से मन्दिर एवं घरों में साधकगणों के अनुरोध पर नियमित करता आ रहा हूँ अतः उन्होंने स्वयं भूमिका का उत्तरदायित्व अपने ऊपर न लेकर, मेरी ओर उसका रूख चुपचाप मर्यादित ढंग से कर दिया।
Publisher : Onlinegatha
Edition : 1
ISBN : 978-9386-0270-23
Number of Pages : 112
Weight : 300 gm
Binding Type : Paperback
Paper Type : Cream Paper(58 GSM)
Language : Hindi
Category : RELIGION AND SPIRITUALITY
Uploaded On : November 15,2016
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डाॅ. श्रीमती अर्चना प्रकाश का जन्म ग्राम परौरी जिला उन्नाव में हुआ। गाँव में ही प्राथमिक विद्यालय से विद्यार्जन शुरू किया तो शिक्षा के उच्च स्तरों को प्राप्त करते हुए आपने एम०ए०, बी०एड०, तथा एम०डी०एच० की उपाधि प्राप्त की। मुख्यतः सद्ग्रहणी के दायित्वों को निभाने के साथ-साथ कान्वेन्ट विद्यालयों में प्रधानाचार्या पद को भी सुशोभित किया है।
साहित्य से पाठक की भूमिका में हुआ जुड़ाव लेखन की ओर मुड़ा और सार्थक लेखन सन् 1999 से शुरू हुआ। पहली पुस्तक ‘अर्चन करूँ तुम्हारा‘ सन् 2008 में प्रकाशित हुई। इसके बाद से कविता, कहानी व भक्ति काव्य की नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। डाॅ० अर्चना प्रकाश की कई कृतियों का प्रकाशन अभी शेष है। समसामयिक विषयों पर आपकी दृष्टि गहरी व पकड़ मजबूत है।